kadaknath murgi palan: कड़कनाथ मुर्गी पालन कैसे करें?

Kadaknath murgi palan: किसानों को अपनी आय बढ़ाने के लिए केवल खेती पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। खेती और किसानों को बढ़ावा देने के लिए ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ चलाया जा रहा है। खेती के साथ-साथ किसान अतिरिक्त आय के लिए पशुपालन में गाय, भैंस, बकरी, मुर्गा और मधुमक्खी पालन करके लाभ कमा रहे हैं।

इन व्यवसाय में मुर्गी पालन काफी लोकप्रिय हो रहा है, किसान पोल्ट्री फार्म (poultry farm) खोलकर अंडा-मांस का उत्पादन करके अच्छी कमाई कर रहे हैं। पोल्ट्री फार्म में कड़कनाथ मुर्गी पालन (kadaknath murgi palan) बहुत ही जबरजस्त आय का स्रोत है। कड़कनाथ मुर्गा में कई औषधीय गुणों के होने के कारण मांग में काफी बढ़ोतरी हुई है। 

आज हम आपको इस ब्लॉग में कड़कनाथ पालन की विस्तृत जानकारी दे रहे हैं जिससे आप भी अपनी आय बढ़ाने के लिए खेती के साथ-साथ कड़कनाथ मुर्गी पालन (kadaknath murgi palan) कर सकें। 

तो आइए जानें, कड़कनाथ मुर्गी पालन कैसे करें (kadaknath murgi palan kaise kare)

सबसे पहले कड़कनाथ मुर्गी की विशेषताएं जान लेते हैं। 

कड़कनाथ मुर्गी की विशेषताएं

कड़कनाथ मुर्गे की रंग, रूप और खून से लेकर मांस तक काले रंग की होती है। कड़कनाथ में गजब की रोग प्रतिरोधी क्षमता होती है। इस नस्ल पर किसी भी मौसम के बदलाव का कोई खास असर नहीं होता है। इसी वजह से कड़कनाथ मुर्गी पालन आसान हो जाता है। बाजार में कड़कनाथ मुर्गे का अंडा और मांस आम मुर्गे के मुकाबले दोगुने कीमत पर बिकती है। कड़नाथ मुर्गे की कीमत (kadaknath murga price) 1200 रुपए से लेकर 1500 रुपए तक होती है। 

कड़कनाथ देसी नस्ल का मुर्गा है जो मध्य प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों, खासकर झाबुआ और धार जिलों में सबसे ज्यादा पाया जाता है। इसकी लोकप्रियता देखकर भारतीय क्रिकेट के पूर्व कैप्टन महेंद्र सिंह धोनी भी अपने फार्म हाउस में कड़कनाथ मुर्गी का पालन कर रहे हैं। 

कड़कनाथ के मांस में वसा की मात्रा सिर्फ 2.9 फीसदी होती है और इसके 100 ग्राम मीट में कोलेस्ट्रॉल भी महज 59 मिलीग्राम होता है। इसमें प्रोटीन की मात्रा 20-25 प्रतिशत तक पाई जाती है और लौह तत्व, कैल्शियम, विटामिन-बी और विटामिन-सी जैसे जरूरी पोषक तत्व तो भरपूर मात्रा में होते हैं।

फिलहाल दक्षिण भारत के किसानों ने कड़कनाथ मुर्गे की अहमियत को बखूबी समझ लिया है। यही कारण है कि वहां देसी मुर्गी के साथ-साथ अब कड़कनाथ के शुद्ध मांस की बिक्री काउंटरों पर होने लगी है। कड़कनाथ की खूबियों के बारे में बताएं तो इसके मांस में वसा की मात्रा सिर्फ 2.9 फीसदी होती है और इसके 100 ग्राम मीट में कोलेस्ट्रॉल भी महज 59 मिलीग्राम होता है। लेकिन अगर पोषण की बात करें तो इसमें प्रोटीन की मात्रा 20-24 फीसदी तक पाई जाती है और लौह तत्व, कैल्शियम, विटामिन-बी और विटामिन-सी जैसे जरूरी पोषक तत्व तो भरपूर मात्रा में होते हैं।

कड़कनाथ मुर्गी पालन कैसे करें (kadaknath murgi palan kaise kare)

किसान भाइयों के लिए फायदे की बात तो ये है कि कड़कनाथ मुर्गा पालने के लिए ज्यादा जद्दोजहद करने की कोई जरूरत नहीं होती। किसान चाहें तो खाली स्थान पर सिर्फ एक शेड डालकर या अपने घर के खाली स्थान या बैकयार्ड (घर के पीछे खाली जगह) में इसका पालन कर सकते हैं। 

कड़कनाथ को जैविक आहार खिलाएं, मुर्गों का समय पर टीकाकरण करवाएं और आस-पास साफ सफाई का खास ख्याल रखें। फायदे की बात करें तो आप कड़कनाथ द्वारा छोड़े गये अपशिष्ट पदार्थ को अपनी खेती में जैविक खाद के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं, इससे ना सिर्फ फसल अच्छी क्वालिटी की होगी बल्कि मुर्गी पालन इकाई में भी साफ-सफाई बनी रहेगी। अगर आप भी कड़कनाथ मुर्गा पालन शुरू करना चाहते हैं, तो ज्यादा जानकारी के लिए अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र से भी संपर्क कर सकते हैं।

कड़कनाथ मुर्गी पालन में कांट्रेक्ट फार्मिंग मददगार

बहुत ही कम लोग जानते हैं कि भारत सरकार द्वारा जारी कांट्रेक्ट फार्मिंग कानून के तहत आप किसी रजिस्टर्ड कंपनी के जरिए भी कड़कनाथ पालन (kadaknath murgi palan) शुरू कर सकते हैं। लेकिन किसी भी कंपनी के साथ कॉन्ट्रैक्ट साइन करते समय याद रखें कि कंपनी विश्वसनीय हो और इसका पुराना रिकॉर्ड अच्छा हो। कॉन्ट्रैक्ट साइन करने के बाद कंपनी आपको ना सिर्फ कड़कनाथ मुर्गे देती है बल्कि इसकी इकाई लगाने से लेकर मुर्गों की देखभाल तक का लगभग सारा शुरुआती खर्च खुद उठाती है। इसमें आपको सिर्फ खाली जगह या शेड का बंदोबस्त करना होता है। इसके बाद मुर्गियों के लिए शेड, टीकाकरण, ऑर्गेनिक खाना, बर्तन और यहां तक की मुर्गों की साफ-सफाई के लिए भी सारा सामान कंपनी ही उपलब्ध करवायेगी। हालांकि कांट्रैक्ट के तहत आपको सिर्फ एक निश्चित धनराशि कंपनी को देनी होगी और आपके इस काम में सारा रिस्क कंपनी ही उठाती है।

कांट्रेक्ट फार्मिंग के तहत कंपनियां आपकी कड़कनाथ इकाई की निगरानी के लिए विशेषज्ञ और चिकित्सकों का भी इंतजाम करती है। खासकर कड़कनाथ की वैरायटी और उसकी ग्रोथ पर भी कंपनी का खास ध्यान रहता है। 

कई किसानों को कड़कनाथ पालन (kadaknath murgi palan) के दौरान इसके बाजार और कमाई की भी चिंता रहती है, लेकिन कांट्रेक्ट फार्मिंग से जुड़ी कंपनियां इसकी बिक्री का भी पूरा ख्याल रखती है। कांट्रैक्ट फार्मिंग से जुड़ी कंपनी पोल्ट्री शुरू करवाने के साथ-साथ इससे जुड़े किसानों से कड़कनाथ के अंडे और मांस तो खरीदता ही है, साथ ही किसानों को इसका उचित दाम भी दिलाती है। 

अब तो आप समझ ही गये होंगे कि कड़कनाथ पालन (kadaknath murgi palan) मुश्किल काम नहीं है बल्कि कमाई का काम है, जो आपकी रत्ती भर कमाई को दिन दोगुनी और रात चौगुनी बढ़ा सकता है। साफ है कि खेती-किसानी के साथ-साथ कड़कनाथ मुर्गा पालन कमाई और लाभ का जरिया है। आसान भाषा में कहें तो कड़कनाथ पालन से आप कम खर्च में कड़क कमाई कर सकते हैं। 

कड़कनाथ से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

प्रश्न- कड़कनाथ मुर्गी को क्या खिलाया जाता है?

उत्तर- कड़कनाथ मुर्गी को खाने में अनाज और ग्रोअर फीड खिलाया जाता है। कड़कनाथ मुर्गी पालन आप खुले में चराकर और शेड में फीड देकर पालन कर सकते हैं। 

प्रश्न- कड़कनाथ मुर्गी पालन कैसे शुरू करें?

उत्तर- कड़कनाथ मुर्गी पालन के लिए सबसे पहले आप ट्रेनिंग अवश्य ले लें। इसके लिए आप मध्य प्रदेश स्थित झाबुआ कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क कर सकते हैं। 

प्रश्न- कड़कनाथ मुर्गी 1 दिन में कितने अंडे देती है?

उत्तर- कड़कनाथ मुर्गी एक दिन में 1 अंडे देती है। 

प्रश्न- कड़कनाथ मुर्गी का बच्चा कितने का आता है?

उत्तर- कड़कनाथ मुर्गी का बच्चा 30-50 रुपए में आ जाता है। 

प्रश्न- कड़कनाथ को बढ़ने में कितना समय लगता है?

उत्तर- कड़नाथ को बढ़ने में 6 से 12 महीने का समय लगता है। 

ये तो थी, कड़कनाथ मुर्गा पालन (kadaknath murgi palan) की बात। लेकिन, The Rural India पर आपको कृषि एवं मशीनीकरण, सरकारी योजनाओं और ग्रामीण विकास जैसे मुद्दों पर भी कई महत्वपूर्ण ब्लॉग्स मिलेंगे, जिनको पढ़कर अपना ज्ञान बढ़ा सकते हैं और दूसरों को भी इस लेख को शेयर करें।

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