कंगनी एक मोटा अनाज है। इसकी खेती हमारे देश में बड़े स्तर पर की जाती है। इसे कान या काकुन के नाम से भी जाना जाता है।
कंगनी का पौधा लगभग 8 फीट का होता है। इसका इस्तेमाल कई तरह के पकवान जैसे दलिया, इडली, खीर, रोटी, मिठाई, और बिस्किट बनाने में किया जाता है।
कंगनी में कई तरह के पौष्टिक तत्व भी पाए जाते हैं। कंगनी सेहत के लिए बहुत लाभकारी होता है।
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कंगनी के इस्तेमाल से बीपी, वजन और शुगर को कंट्रोल किया जा सकता है।
कंगनी मिलेट्स की बुआई जून से जुलाई में की जाती है। प्रति हेक्टेयर खेत के लिए 8 से 10 किलो बीज की आवश्यकता होती है।
यह फसल 4 महीने में पक कर तैयार हो जाती है। आपको बता दें, कंगनी दुनिया का सबसे पुराना मोटा अनाज है।
इसके फायदे को देखते हुए इसकी खेती किसान भाइयों के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकती है।