Ragi ki kheti: रागी की खेती [मिट्टी, जलवायु और उन्नत किस्में]

Ragi ki kheti: रागी मोटे अनाज वर्गीय एक महत्वपूर्ण फसल है। इसे मडुआ के नाम से भी जाना जाता है। कम मेहनत में रागी की खेती (Ragi ki kheti) से किसानों की अच्छी आमदनी होती है। 100 ग्राम रागी अनाज में 7.30 ग्राम प्रोटीन, 1.30 ग्राम वसा, 3.60 ग्राम रेशा 3.90 ग्राम लोहा, 3.34 कैल्शियम, 0.42 मिलीग्राम थायमीन और 0.19 मिलीग्राम राइबोफ्लेविन पाया जाता है।

आपको बता दें, मोटे अनाज की खेती के लिए केंद्र और राज्य सरकारें कई महत्वपूर्ण कदम उठाई है जिसमें बीज से लेकर इसके बिक्री को प्रोत्साहन देना है। रागी से बना भोजन हड्डियों को मजबूती के साथ-साथ मधुमेह रोग कम करने में काफी मदद करता है। 

तो आइए इस लेख में विस्तार से जानें, रागी की खेती कैसे करें?   

रागी की खेती के लिए मिट्टी और जलवायु

रागी की खेती (Ragi ki kheti) के लिए अच्छी जल निकासी वाली हल्की दोमट मिट्टी उपयुक्त रहती है। इसकी खेती मानसून की दौरान खरीफ सीजन में की जाती है। इसके लिए 20 से 35 डिग्री सेंटीग्रेड का तापमान काफी उपयुक्त रहता है। 

खेत की तैयारी

रागी की खेती (Ragi ki kheti) करने के लिए मानसून से पहले पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करने के बाद 2-3 बार देशी हल या हैरो से करके पाटा लगा देना चाहिए। 

बोने की विधि

रागी की बुआई दो विधि से की जा सकती है। पहली- लाइन से लाइन विधि जिसमें पंक्ति से पंक्ति की दूरी 20-25 सेंटीमीटर और पौध से पौध की दूरी 8-10 सेंटीमीटर रखें। दूसरी विधि में रागी की बुआई छिटकावां विधि से बीजों को बिखेर कर सकते हैं। 

रागी की उन्नत किस्में

रागी की उन्नत किस्मों में गोदावरी, एकेपी-2, आई-28 पद्मावती, आएरयू-1, बीआर-2 एमआर-374, पीआर- 202, पन्त मंडुआ-3, विक्रम, निर्मल, और गुजरात नगली -1 प्रमुख हैं। 

उर्वरक प्रबंधन

5-6 टन गोबर की सड़ी खाद अंतिम जुताई के समय खेत में अच्छी तरह से मिला लें। रासायनिक खाद में 60 किलोग्राम नाइट्रोजन, 30 किलोग्राम फॉस्फोरस, 30 किलोग्राम पोटाश प्रति हेक्टेयर के हिसाब से प्रयोग कर सकते हैं। इन खादों को आप दो बार में प्रयोग करें। आधी मात्रा बुआई के समय जबकि आधी मात्रा 20-25 दिनों बाद फसल की बढ़वार के समय प्रयोग करें। 

रागी की खेती के लिए सहायक मशीनें

मिट्टी पलटने वाला हल, देशी हल या हैरो, कल्टीवेटर, कुदाल, खुर्पी, फावड़ा आदि कृषि मशीनरी की जरूरत पड़ती है। 
ये तो थी, रागी की खेती (Ragi ki kheti) की जानकारी। ऐसे ही खेती की उन्नत जानकारी के लिए द रूरल इंडिया वेबसाइट पर जाकर अन्य लेख पढ़ें।

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