गर्मी से पशुओं को बचाने के लिए अपनाएं ये 10 तरीके

गर्मियों में पशुओं की देखभाल

देश के ज़्यादातर इलाके इन दिनों ज़बरदस्त गर्मी पड़ी रही है। ऐसे में दुधारू पशुओं पशुओं के शरीर का तापमान, ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है।

डेयरी पशुओं की अधिकतम उत्पादकता के लिए 15 से 25 डिग्री सेल्सियस का तापमान सबसे उपयुक्त रहता है।

गर्मी की वजह से मवेशियों की प्रजनन क्षमता और दूध उत्पादन में तो गिरावट हो जाती है। साथ ही चारे का सेवन 35 प्रतिशत तक कम हो जाता है।

तो आइए, द रूरल इंडिया के इस वेबस्टोरी में गर्मी से पशुओं को बचाने के लिए 10 तरीके जानें।

गर्मी के दिनों में पशुओं को रात में खाना खिलाएँ। उन्हें आसानी से पचने लायक और अच्छी गुणवत्ता वाला चारा दें।

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हरे चारे की मात्रा बढ़ाएं। नियमित रूप से खनिजों का मिश्रण दें। जैसे- नमक को उनके नाद या चरनी में डालें।

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हर समय पशुओं के लिए साफ़ पानी की उपलब्धता रखें। पशु के लिए कम से कम 5 बार पानी पीने के लिए दें।

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पशुओं को छायादार जगह पर रखें। पशुओं को एक बार अवश्य नहलाएं।

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धूप कम होने या मौसम ठंडा होने पर ही पशुओं को चराएं।

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गायों के शरीर पर और कान के पीछे प्याज़ का रस लगाना हीट स्ट्रोक के लिए सबसे अधिक प्रभावी घरेलू उपचारों में से एक है।

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हीट स्ट्रोक से बचाव के लिए कुछ कच्चे आम उबालें और फिर उन्हें ठंडे पानी में भिगो दें। धनिया, जीरा, गुड़, नमक और काली मिर्च डालकर इस मिश्रण को दिन में 3-4 बार पशु को दें।

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पानी में एलोवेरा का जूस मिलाकर पिलाना भी हीट स्ट्रोक के लिए सबसे आसान प्राकृतिक घरेलू उपचार है।

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चीनी के साथ धनिया का रस लेना एक सरल प्राकृतिक घरेलू उपचार है। इसका उपयोग भी हीट स्ट्रोक और अन्य गर्मी सम्बन्धी लक्षण दिखने पर किया जाता है।

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तुलसी के पत्तों का रस निकालकर इसमें थोड़ी चीनी मिलाएं। इस घोल को पशु को दिन में 2 बार पिलाने से हीट स्ट्रोक के उपचार में मदद मिलती है।

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