इलायची की खेती की पूरी जानकारी

यहां जानें

इलायची पर एक नज़र

इलायची एक छोटा हरे रंग का बहुत ही लोकप्रिय मसाला है। इलायची का प्रयोग भोजन में खुशबू और स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है। इसे कई प्रकार की बीमारियों में शरीर के लिए फायदेमंद माना गया है। भारत में इलायची को मसालों की रानी के रूप में भी जाना जाता है।

इलायची के औषधीय गुण

इलायची कब्ज जैसी बीमारी के लिए एक असरदार औषधि मानी जाती है। इलायची मानसिक तनाव को दूर करती है। इसके अलावा खांसी, बवासीर, पथरी, खुजली, तथा हृदय रोग जैसे लक्षणों में भी इलायची का सेवन फायदेमंद बताया गया है।

इलायची की खेती का समय

इलायची की नर्सरी के लिए बीज की बुआई अप्रैल से मई तक होती है। पौधों की रोपाई का उचित समय जुलाई माह का होता है।

मिट्टी और जलवायु

इलायची की खेती काली मिट्टी या दोमट मिट्टी में की जाती है। मिट्टी का पीएच मान 4.5 से 7.02 तक होना चाहिए। इसके लिए उष्णकटिबंधीय जलवायु सबसे उचित होती है। इलायची की खेती के लिए उचित तापमान 10 डिग्री से 35 डिग्री सेल्सियस तक होना चाहिए।

रोपाई का सही तरीका

पौधों की रोपाई के लिए छायादार क्षेत्र का चुनाव करें। पौधों को खेत में गड्ढे या मेड बनाकर लगाएं। मेड़ की मेड़ से दूरी डेढ़ से दो फिट रखें। पौधे से पौधे की दूरी लगभग 60 सेंटीमीटर रखें।

खेत की तैयारी

खेत को साफ कर खेत की गहरी जुताई करें। गहरी जुताई कर रोटावेटर चलाकर मिट्टी को समतल कर लें। गोबर की खाद पहली जुताई के समय ही मिला लें।

सिंचाई प्रबंधन

इलायची की खेती में ड्रिप सिंचाई विधि का प्रयोग करें। खेत में 50 प्रतिशत तक नमी सदैव बनी रहनी चाहिए। गर्मी के समय हफ्ते में 2 से 3 बार और सर्दियों में 10 से 15 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें।

इलायची की खेती में कमाई

इसकी खेती से प्रति हैक्टेयर 200 से 250 किलोग्राम तक इलायची प्राप्त की जा सकती है। इलायची की खेती से आप सालाना 3 से 5 लाख रुपये की कमाई कर सकते हैं।

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