ऐसी मिलेगी डेयरी पालन में अपार सफलता, यहां जानें तरीका

पशु को गंदी आदतों से बचाएं, एक दूसरे के थन आदि न पीने दें।

खराब, बदबूदार, बचा हुआ आहार स्वस्थ पशु को न दें।

दूध निकालने के बाद पशु को आधा घंटा न बैठने दें।

प्रत्येक 3-4 माह में एक बार पेट के कीड़े की दवा दें।

नियमित रूप से निर्धारित मात्रा में दूध दें।

बीमार पशु को अलग रखें, उसका बचा हुआ आहार स्वस्थ पशु को न दें।

पशु को बच्चा देने के 60 दिन बाद ही गाभिन कराएं।

गाभिन कराने के तीन माह बाद पशु चिकित्सक से जांच कराएं।

गाभिन और प्रसव काल के समय पुआल आदि का बिछावन करें।

प्रसव के 12 घंटे बाद भी जेर न गिरने पर पशु चिकित्सक से संपर्क करें।

नवजात पशु को हल्का हल्का दूध 2-3 बार में दें।

अच्छे उत्पादन के लिए हमेशा अच्छा और संतुलित आहार दें।

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धन्यवाद