बायोफ्लॉक तकनीक से मछली पालन में होगा अच्छा मुनाफा

यहां जानें पूरी बात

भारत में मछली पालन काफी ज्यादा तेजी से उभरता हुआ व्यवसाय है। मछली पालन में भारत का विश्व में दूसरा स्थान है।

मछली पालन की नई नई तकनीकों के माध्यम से इस व्यवसाय से बढ़िया मुनाफा कमाने लगे हैं। इन्हीं में से बायोफ्लॉक तकनीक (biofloc fish farming) का भी है।

बायोफ्लॉक तकनीक (biofloc fish farming) के माध्यम से किसान कम लागत में अधिक मछलियों का उत्पादन कर सकते हैं।

बायोफ्लॉक तकनीक क्या है?

इस तकनीक में बायोफ्लॉक नामक एक बैक्टीरिया को मछलियों के बड़े-बड़े टैंक में डाला जाता है। फिर मछलियों को खाना दिया जाता है।

ये मछलियां जितना खाएंगी, उसका 75 प्रतिशत मल के रूप में शरीर से बाहर निकाल देती है। मछलियों के मल को बायोफ्लॉक बैक्टेरिया प्रोटीन में बदलती हैं। इस प्रोटीन को मछलियां खाती हैं।

आपको बता दें, नेशनल फिशरीज डेवलपमेंट बोर्ड के अनुसार एक टैंक में मछली पालन करने का खर्च लगभग 1 लाख रुपए के आसापास आता है।

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